नमस्कार, आज बात उस पार्टी की जिसने 7 दशकों तक इस देश पर राज किया और अब अपने अस्तित्व के लिए लड़ रही है | ये बात है उस पार्टी की जिसकी स्थापना देश के माननीय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने की थी पर अब यह विस्थापित होने की कगार पर है | आज बात भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस या कांग्रेस की जो की जूझ रही है अपने आतंरिक परेशनियों से और इन आतंरिक परेशानियों मे से एक परेशनी या सवाल है कि कौन होगा इस 133 साल पुरानी पार्टी का राष्ट्रिय अध्यक्ष ? फ़िलहाल में इस पार्टी के अध्यक्ष पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गाँधी के पुत्र श्री राहुल गाँधी हैं और कई आलोचनों से घिरे हुए हैं क्योकि लगातार कई चुनावों मे हार और 2019 के लोकसभा चुनाव मे अपने गढ़ अमेठी में बुरी हार के बाद यह सोचने वाली बात है कि जिस पार्टी ने लगभग 70 साल दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को चलाया और देश के विकास में योगदान किया उसे अपने घर में ही इतनी मुँह की खानी पड़ी | सवाल में राहुल गाँधी इस लिए हैं क्योकि उनके नेतृत्व मे यह माना जा रहा था कि पार्टी को अच्छी खासी जीत मिलेगी और एक युवा नेता होने के कारण पार्टी में अनुभव के साथ साथ जज़्बा भी आएगा, लेकिन देखते देखते 2 वर्ष बीत गए और कांग्रेस को कई राज्यों में बोहत बुरी हार का सामना करना पड़ा तो इसलिए कई ऐसे अटकले लगायी जा रही है कि जब तक कोई दूसरा चेहरा सामने नही आता तब तक राहुल गाँधी ही पार्टी के अध्यक्ष के रूप मे रहेंगे |
आज चलिए जानते हैं कि वो कौन से अनुमानित नाम है और चेहरे हैं जो इस पार्टी के अध्यक्ष के रूप मे संभाल सकते हैं |

1. डा शशि थरूर
2009 में केरल के थिरुवनंतपुरम से लोक सभा चुनाव लड़ के अपने राजनितिक सफर का शुरुआत करने वाले 63 वर्षीय डॉक्टर शशि थरूर एक अच्छे विअकल्प के रूप में नज़र आते हैं क्योकि इन्होने पार्टी में अहम योगदान दिया है और साथ ही साथ एक लेखक भी हैं और स्कॉलर भी हैं | ज्ञान के साथ साथ थरूर एक अनुभवी नेता के रूप में सामने आते हैं और इस समय थिरुवनंतपुरम से ही सांसद भी हैं | आपको बता दें की थरूर कई बार पब्लिक स्पीकिंग में अपने विचारों को सामने रखते हैं और यह 2002 से 2007 तक संयुक्त राष्ट्र के जन संचार विभाग में अंडर सेक्रेटरी जनरल रह चुके हैं |

2. सचिन पायलट
पूर्व राजनेता राजेश पायलट के बेटे और राजस्थान के 5वें उपमुख्यमंत्री 41 वर्षीय सचिन पायलट ने अपने राजनितिक दौर की शुरुआत 2009 मे अजमेर की सीट से चुनाव लड़कर किया था और भारतीय जनता पार्टी की किरण माहेश्वरी 76,000  मतों से मात दी थी पर 2014 मे उसी सीट से 1,71,983 मतों से सांवरलाल जाट के सामने घुटने टेकने पड़े और 2018 के विधान सभा चुनाव में टोंक की सीट से यूनुस खान को 54,179 मतों से हराकर 17 दिसंबर 2018 को उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिया | सचिन पायलट एक चेहरा इसलिए हो सकते हैं क्योकि यह एक युवा राजनेता हैं और इसके पास काफी अच्छा अनुभव है राजनीति का और एक अच्छी नेतृत्व की सोच है |

3. अशोक गहलोत
रजवाड़ों के प्रदेश राजस्थान के 12वे मुयख्यमंत्री और 1974 मे अपना राजनीतिक सफर शुरू करने वाले 68 वर्षीय अशोक गहलोत एक तजुर्बेदार नेता हैं । 2018 मे वसुंधरा राजे को हराकर राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था । वह 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रभारी थे जहां कांग्रेस ने भाजपा को बंद कर दिया। 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में उनके इनपुट भी मूल्यवान थे। पार्टी में गहलोत की स्वीकार्यता है। वह कैप्टन अमरिंदर सिंह, कमलनाथ और अशोक चव्हाण जैसे क्षेत्रीय क्षत्रपों के साथ मिलनसार शर्तों पर हैं। उन्हें एक हार्ड-कोर संगठन मैन के रूप में देखा जाता है। एक मुख्यमंत्री और सांसद होने के अलावा, गहलोत ने कई पदों पर कार्य किया है, जिसमें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और अखिल भारतीय कांग्रेस के महासचिव शामिल हैं।

4. ज्योतिरादित्य सिंधिया
30 सितंबर 2001 को अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले 48 वर्षीय ज्योतिरादित्य सिंधिया इस समय पश्चिम उत्तर प्रदेश  से ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महा सचिव हैं वह सिंधिया परिवार से तालुकात रखते हैं जो कि मध्य प्रदेश के मध्य प्रदेश के ग्वालियर  पर राज किया करती थी थी गुना संसदीय क्षेत्र  का प्रतिनिधित्व करते हुए वह पूर्व सांसद रह चुके हैं ज्योतिरादित्य  सिंधिया एक कर्मठ जुझारू और युवा नेता है उनके नेतृत्व में कॉन्ग्रेस एक अच्छी पार्टी के रूप में सामने आ सकती है और साथ ही साथ  यह नॉन गांधी होने वाले सचिन पायलट के बाद एक और युवा नेता के रूप में सामने आ सकते हैं ।