भारत में बीते कुछ महीने बहुत चर्चा का विषय रहें हैं, हम सब जानते भी हैं क्यों, हां और मैं शांत भी था और बीएस यही सोच रहा था कि कब यह दंगों का आलम कम हो और मैं कुछ लिखूं | कारण यह था कि कहीं मुझे देश विरोधी या अंध भक्त ना कह दें | वैसे भी विरोध करने वाले भारत के गद्दार घोषित हो चुके हैं और ठाकुर जी का आदेश भी है गोली मरने का तो थोडा सेफ साइड रखना मुनासिफ समझता हूँ | जिस प्रकार से भारत की राजनीति बदली है बहुत सोचना पड़ता है |
हम देख रहे हैं समझ रहे हैं और प्रतिक्रिया देने पर हम देश द्रोही घोषित हो जाते हैं | सच्चाई हम सबको पता है कि कौन क्या चाहता है और क्या कर रहा है | वैसे भी भारत में प्रधनमंत्री जी किसी के भगवान या पिता हैं और भगवान जो करता है अच्छे के लिए ही करता है | गौरतलब यह है की हमारे देश में इतनी बड़ी जनसंख्या है जो सब कुछ देखती है और अनदेखा कर देती है | मोदीजी को तख्त पे बैठने वाले इन्ही में से कुछ लोग हैं | इनका एजेंडा साफ़ है कि अगर प्रधानमंत्री सीना तान के चल रहे हैं तो यही होने चाहिए देश के प्रधान सेवक, माफ़ करें चौकीदार | विडम्बना कहूँ या हास्यास्पद कि इस चौकीदार को इसकी गलती के कारण निकाल भी नहीं सकते और डांट भी नहीं सकते |


देखिये जानते तो हम सब हैं की देश की क्या हालत है और कितने गर्क में है पर सवाल उठाये तो उठाये कौन !! सवाल उठाने वाले बहुत गिने चुने हैं और हम सब जानते हैं की हमारे प्रधानमंत्री और उनके प्यारे कार्यकर्ताओं को कैसी मिर्ची लगती है जब हम सवाल उठाते हैं |

हमारे देश में जी डी पी स्तर इतना कम हो गया है की टेस्ट में रन रेट भी सीना चौड़ा करके अपने आप को बड़ा घोषित करे, ऑटो मोबाईल सेक्टर इस प्रकार से बंद हैं की खोटा सिक्का भी बोले मई कम से कम कबाड़ी वाले के हाथों तो बिक सकता हूँ और बेरोज़गारी इस कदर हो गयी है कि कोरोना वायरस से होने मौत भी कम पड़ जाएँ | पर हमारे यहाँ इस वायरस को देखे कौन क्योंकि अंधभक्ति का वायरस हमारे देश के लोगों पर ऐसा चढ़ा है जिसका बखान क्या ही किया जाएँ |

हमे यह समझना होगा कि मोदीजी ख़राब नहीं है ना ही उनकी नीतियाँ, एकएक प्रधानमन्त्री होने के नाते वो कुछ अच्छे कदम उठा रहे हैं जिससे की वे देश के लोगों को मौका दे पर मसला हम सब जानते हैं कि इनकी नीतियों में कहीं कहीं से कुछ कमी है जो की सही परिणाम नहीं दे पा रही है |



हालाँकि देश में होने वाले सम्प्रदायिकता के भारी जनक भी यही हैं हमे समझना होगा और मोदी जी को भी वरना देश जलता रहेगा, युवा मरता रहेगा, सब मूक रहेंगे और आप विदेश जाकर यही बोलेंगे कि “सब चंगा सी”|

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