भारत में राजनीति की जब जब बात होती है तो उत्तर प्रदेश बिहार जैसे प्रान्तों को हमेशा ध्यान में रखा जाता है | पर कहीं न कहीं हम यह भूल जाते हैं कि देश के दिल में क्या राजनीतिक हलचल है | जी हाँ, दिल्ली वही दिल्ली जिसे भारत की राजधानी १९११ में बनाया गया, वही दिल्ली जहाँ पर अभी अरविन्द केजरीवाल बैठे हैं और पिछले कुछ समय में चर्चे में भी रहें हैं |
दिल्ली का 2020 का चुनाव एक ऐसा चुनाव रहा कहाँ पर मै समझता हूँ कि बहुत मुद्दों पर लड़ा गया जिसमें से मेरा पसंदीदा मुद्दा सोशल मीडिया की लड़ाई थी | जहाँ आप ने मिम्स का प्रयोग करके युवाओं को लुभाने का प्रयास किया वहीँ भाजपा थोड़ी असहाय नज़र आई | कैम्पेन के मामले जहाँ भाजपा ने अपने २४० सांसद दिल्ली के ग्राउंड लेवल पर उतार दिए वहीँ आप ने अपने एम एस जी केजरीवाल पर निर्भर होना मुनासिफ समझा | आचार संहिता का उल्लंघन, साम्प्रदायिकता के नाम पर वोट और फ़ेक न्यूज़ का पूरा प्रयोग भाजपा ने किया वहीँ आम आदमी पार्टी उस विद्यार्थी की तरह अपना रिपोर्ट कार्ड लेकर घूम रही थी जिसने अपने हेडमास्टर से रंजिश ले ली थी पर फिर भी उत्तीर्ण हो गयी |
रुझानों की माने तो आप ६० से ६५ सीटें अपने कब्ज़े में रख रही हैं और भाजपा को लगभग ५-९ सीटें मिलने की उम्मीद है और एक समय पर दिल्ली के तख्त पे राज करने वाली कोंग्रेस को हो सकता है 1 सीट से संतोष करे | हालांकि ये एक अनुमान है, पर चांसेस हैं कि आप को पूर्ण बहुमत मिले और केजरीवाल २.० नजर में आयें |
चलिए एक छोटा सा फर्क जानते हैं कि क्या क्या किया आप ने अपने कैम्पेन में और क्या क्या किया भाजपा ने अपने कैम्पेन में और क्या है दिल्ली की जनता के दिल में |
आप का कैम्पेन-
1. विकास के मुद्दों को बनाया निशाना
2. स्कूलों को सर्वोत्तम बनाने का पूरा प्रयास
3. महिलाओं, वृद्धों और बच्चों के लिए आकर्षक स्कीम
4. सुरक्षा के मद्देनजर सीसीटीवी कैमरे
5. बिजली व् पानी पर कोई शुल्क नहीं
6. स्टेट जीडीपी में अच्छा सुधार
7. २०१५ का ३१,००० करोड़ का बजट ६०,००० करोड़ पंहुचा
8. वाई फाई की व्यवस्था
9. सोशल मीडिया का सही उपयोग
10. स्वास्थ्य हेतु सही फैसले
भाजपा का कैम्पेन-
1. राष्ट्रिय मुद्दे
2. जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय
3. जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय
4. शाहीन बाग
5. देश के गद्दार
6. हिन्दू मुस्लिम
7. नागरिकता संशोधन कानून
8. एन आर सी
9. केजरीवाल के फैसलों पर सीधा आरोप और सवाल
10. आपसी ताल मेल की कमी
उपर्युक्त में आप देख सकते हैं कि किस प्रकार फर्क रहा भाजपा और आप के चुनावी मुद्दों में | जहाँ आप मुफ्त में पानी और बिजली बाट रही थी वहीँ भाजपा ये कहती रही की मुफ्त में बांटने वाली सरकार को वोट देना मतलब आपके अंदर लालच है तो बीएस सीधा सवाल यह है कि केजरीवाल ने मुफ्त में राज्य का जीडीपी सुधार दिया बजट में लगभग दोगुनी वृद्धि की वहीँ आप टैक्स पे टैक्स लेकर भी जीडीपी को गिरा रहे हो |
साथ ही साथ ध्यान देने वाला मुद्दा यह भी था कि भाजपा का कोई एक चेहरा सही से सवालों का जवाब नहीं दे पाया चाहे वो परवेश वर्मा हों, अनुराग ठाकुर, अमित शाह, या स्टार प्रचारक मनोज तिवारी मृदुल दूसरी तरफ केजरीवाल सरकार की तरफ से सभी विधायकों का आपसी ताल मेल सही था और डटकर जवाब दिया |
अगर इस पूरी कहानी का सरांश देखा जाये तो यही है कि दिल्ली की गद्दी पर अरविन्द केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने की ज्यादा औपचारिकतायें हैं और दिल्ली की जनता को भी यह पसंद हैं |
बाकी आपकी क्या राय है दिल्ली के बारे में मुझे ज़रूर लिखे और मुझसे जुड़ने के लिए सोशल मीडिया पे फ़ॉलो करें | मिलता हूँ अगले ब्लॉग में धन्यवाद ||
जय हिन्द जय भारत ||
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