
आज बात करेंगे भाजपा की, वही भाजपा जो अपनी हार का इल्जाम दूसरों पर थोपती है और इस बात का हवाला देती है कि लोगों को अपनी ज़रूरतें पहले दिखाई देती है देश बाद में |


तो सुरत-ए-हाल ये है की भाजपा को दिल्ली के विधान सभा चुनाव में मुह की खानी पड़ी है यह २०१९ के आम चुनाव के बाद पहली बार हुआ है जब भाजपा के विरुद्ध कोई पार्टी बिना गठबंधन के सरकार बनाने में सफल हुई है | चुनाव में हार या चुनौती तो भाजपा को हरयाणा, महाराष्ट्र और झारखण्ड में साफ़ तौर से दिखी पर किसी एक पार्टी के हाथों इतनी बड़ी हार | पर मज़ा तो तब आने लगा जब भाजपाई कार्यकर्ता और नेता अपनी हार का हवाला इस प्रकार दे रहे हैं जिसे सुनने के बाद दिल्ली वासी यही सोच रहे होंगे कि वो कितने गंदे लोग हैं |
अपनी हार पर सोच विचार करने के बजाय भाजपाई कुछ ये दलील दे रहे हैं
1. दिल्ली की जनता को अन्नुछेद ३७० के हटाये जाने वाली सरकार नहीं चाहिए
2. दिल्ली की जनता को राम मंदिर बनवाने वाली सरकार नहीं चाहिए
3. दिल्ली की जनता को आतंकवादियों से लड़ने वाली सरकार नहीं चाहिए
4. दिल्ली की जनता शाहीन बाग़ का समर्थन करती है
5. दिल्ली की जनता मुफ्त की चीज़ों की तरफ ज़्यादा लाभान्वित है
6. दिल्ली की जनता आतंकवादियों का समर्थन करती है
इन सब दलीलों को सुनने के बाद यह समझा जा सकता है कि भाजपा की हालत मरता क्या न करता वाली स्थिति में पहुँच चुकी है |


साथ ही साथ इस भडकाने में मीडिया का बहुत बड़ा हाथ भी है क्योंकि कुछ मीडिया प्रतिनिधि अपने प्राइम टाइम में भी उपर्युक्त बातों का हवाला दे रहे हैं |
मसला ये है की विधान सभा चुनाव में राष्ट्रिय मुद्दों का हवाला देने का क्या मतलब है क्योंकि जो बाते आप कह रहे हैं और जिनपे आप वोट मांग रहे हैं वो मुद्दे लोक सभा चुनाव के लिए मुनासिफ है पर विधान सभा में इसका कही से ताल्लुकात नहीं है | जो लोग दिल्ली की जनता को कोस रहे हैं उन्हें यह समझना चाहिए कि जिन राष्ट्री मुद्दों का हवाला देकर आप उन्हें कोस रहे हैं उनको मद्देनज़र रखते हुए हमने प्रधानमंत्री चुन लिया | और साथ ही साथ यह भी समझे कि जैसे प्रधानमंत्री में हमने कुछ देखा और समझा तभी हमने उन्हें दोबारा चुना उसी प्रकार दिल्ली की जनता को काम दिखा तो उन्होंने केजरीवाल को चुना | जब वो दिल्ली के लोग मुफ्त के लिए वोट दे रहे है और आम आदमी पार्टी ने यह गलत किया है, या लालच दिया है तो इस बात को समझें कि चुनाव से पहले आपके स्टार प्रचारक मनोज तिवारी जी ने तो ५ गुना मुफ्त देने की बात की थी और अगर आप उनकी इस बात से मना करते हैं तो आप खुद एक मत पे नहीं हैं और कोई जनता उस सरकार को क्यों चुने जहाँ आपसी तालमेल की कमी हो या असमंजस में हो |
एक अंतिम बात यही कहूँगा कि जब आप महाराष्ट्र और झारखण्ड में हारे तो आपने इस प्रकार की बाते नहीं फैलाई या इस तरह से जनता को क्यों नहीं कोसा | बस दिल्ली थी, आप बुरी हार रहे थे और सामने केजरीवाल थे इसलिए आप कुछ भी बोलेंगे ये गलत है| माफ़ कीजियेगा जितनी सुविधाएँ आम आदमी पार्टी दे रही है उतना करना ही अपने बड़ी बात है और भाजपा को सीखना चाहिए |
बहरहाल आपकी हार हुई है और आपको इसपर विचार विमर्श करना चाहिए कि आप किस प्रकार से अपनी सत्ता और राज्यों में बचा पाते हैं | किसी को कोस कर नहीं आप अपनी गलतियों पर पर्दा नहीं डाल सकते |
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