
जनवरी 1780 में जेम्स अगस्टस हिक्की ने जब कागज़ के कुछ पन्नों पर कुछ सूचनाएं लिखी थी तो शायद उन्होंने या किसी ने ये नही सोच होगा कि भारत में पत्रकारिता का आरम्भ हो गया है।
संसाधनों की कमियां, और भाषा की परेशानी सरकार की आलोचनाओं में आने वाली अड़चनों का एक बड़ा पहलू थी।
आज करीबन 240 वर्षों बाद परिवेश बदल गया है। पत्रकारिता जुनून या ज़िम्मेदारी से ज़्यादा अब पेशा हो गया है, पेशा भी ऐसा की बहुत रोड़े हैं। अपनी मौलिक ज़िम्मेदारियों का निर्वहन करना इस पेशे की सबसे बड़ी चुनौती है।
ये बात किसी से छूटी नही है कि भारतीय पत्रकारिता किस हद तक अपने चरम पर, सरकार की गोदी में बैठ कर सरकार को तवज्जो देना और अहम बातों से जनता को दरकिनार रखना बहुत आम है। और धीरे धीरे प्रसिद्ध होती शैली में अपशब्दों पर वरिष्ठ पत्रकारों का दांत चियारना या तो कुछ गलत खबरों को फैला कर एक क्षमा प्रार्थी का रूप धारण कर लेना।
भारतीय मीडिया ने जितना छिछालेदर मचाया है उससे यह साफ ज़ाहिर होता है कि विदेशी धरती पर भारत के लोकतंत्र कि बहुत गरिमा नीचे गिरी है। बहस के नाम पर अभद्रता एक आम बात है और हर छोटी बात पर राष्ट्र वाद बेचना, राष्ट्र वाद के चीर हरण जैसा है। बिना सिर पैर कि बात तो अमूमन ही देख लिया जाता है।
टीवी पत्रकारिता अब टी आर पी कर खेल बन कर रह गई हैं, किसकी टी आर पी कितनी ज़्यादा और किसकी कम और इस जद्दोजहद में अगर अपनी ही बिरादरी को नीचा भी दिखाना ही तो क्यों नहीं। ऐसा लगता है कि कम्पनियों एड के लिए जिस प्रकार छीना झपटी होती है वो कुत्तों के बीच हड्डी कि लड़ाई से काफी मेल खाता है। अब ये भी तो कितनी विडम्बना है ना कि वॉच डोग से लेपडोग बनने में मीडिया ने कोई कसर नही छोड़ी।
बड़ा ही बुरा लगता है देश के मीडिया को ऐसे बरबाद होते हुए देखना, जो लोकतंत्र दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र हैं और मजबूत लोकतंत्र में मीडिया का बहुत अहम रोल होता हैं पर वही मीडिया जब जादू टोना या बाबू शोना दिखाए तो खुद जी आंखे नीचे झुक जाती हैं।
मीडिया बीमार हैं, बेहद बीमार है जो चोट लोकतंत्र को पहुंचा रहा है वो अब नासूर बन रहा हैं, और हम अनीभिग्य होकर बस दांत चियार रहे हैं। गुज़ारिश हैं उन व्यक्ति विशेष से जो पत्रकारिता मे आ रहे हैं अगर आ रहे हैं तो कृपया पत्रकारिता की इज्जत कीजिएगा और इसे सही उपयोग करके सार्थक बनाइएगा ।
ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि हाल फिलहाल में उपचार हो ये बीमारी सही हो।
जय हिन्द वन्दे मातरम!
1 Comments
So true and impactful content 👍💯♥️
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